हम गरीब है लाचार नहीं मदद करो साहब प्रचार नहीं। हम गरीब है लाचार नहीं मदद करो साहब प्रचार नहीं।
बेशक वहां सुख सुविधाएं ना हो, पर होगा वहां, एक गरीब का "आत्मसम्मान"। बेशक वहां सुख सुविधाएं ना हो, पर होगा वहां, एक गरीब का "आत्मसम्मान"।
इक बेघर की आंख के आँसू, दम तोड़ता उसका जीवन ! इक बेघर की आंख के आँसू, दम तोड़ता उसका जीवन !
खुश रहो सदा, चाहे रहो, जहाँ कहीं। खुश रहो सदा, चाहे रहो, जहाँ कहीं।
क्योंकि पापा उसे डाँट दिया करते थे। क्योंकि पापा उसे डाँट दिया करते थे।
अब फिर खुद को सरेआम बदनाम कर देना चाहता हूं। अब फिर खुद को सरेआम बदनाम कर देना चाहता हूं।